यहाँ अध्ययन में छात्रा केवल श्रोता ही रहें ऐसा नहीं माना जाता है। फलस्वरूप जहाँ तक सम्भव हो भाषण विधि के अतिरिक्त शिक्षण में अन्य विधियों को भी अपनाया जाता है। स्वाध्याय की प्रवृत्ति विकसित करने का प्रयास किया जाता है। कक्षा में भाषण के रूप में भी सामग्री दी जाती है। इसे भली प्रकार जानने एवं समझने के संदर्भ ग्रन्थों की ओर उन्मुख किया जाता है। विद्यार्थी विषय को कितना ग्रहण कर पाया है प्रश्नोत्तरी शैली द्वारा परखा जाता है। आप कक्षाओं में इस अवसर का लाभ उठाते हुए नियमित रूप से आकर अपनी समझ को और अधिक परिष्कृत करे एवं विषय की मूलभूत धारण को समझें। शिक्षा का मूल उद्देश्य आपके व्यक्तित्व को समग्रता प्रदान करना है। इसकी पूर्ति हेतु महाविद्यालय विभिनन सांस्कृतिक एवं सहशैक्षणिक गतिविधियों का क्रियान्वयन कराता है। प्रत्येक छात्रा को निम्न में से किसी एक में भाग लेना अनिवार्य है।