Admission Rules

प्रथम वर्ष कला/विज्ञान/वाणिज्य

प्रवेश की इच्छुक छात्रायें प्रवेश आवेदन पत्र पूर्ण कर यथा समय जमा करा दें। सीटों की उपलब्धता होने पर नियमानुसार प्रवेश दिया जायेगा। प्रवेश वरीयता देखकर शीघ्र ही शुल्क जमा करायें और प्रवेश प्राप्त करने में विलम्ब न करें अन्यथा विषयों में स्थान सीमित होने के कारण छात्राओं को अपनी इच्छा का विषय नहीं मिल पायेगा। प्रवेश के लिये आवेदन पत्र देने मात्र से प्रवेश निश्चित नहीं है। निर्धारित तिथि तक शुल्क जमा न कराने की स्थिति में प्रवेश स्वतः निरस्त हो जायेगा।

द्वितीय व तृतीय वर्ष कला/विज्ञान/वाणिज्य

द्वितीय व तृतीय वर्ष कला, विज्ञान व वाणिज्य में प्रवेश शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दिये जायेंगे। प्राईवेट छात्राओं को जिन्होंने 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हैं, स्थान एवं विषय में समूह उपलब्ध होने पर ही प्रवेश दिया जा सकेगा

संकाय व विषय परिवर्तन

किसी भी संकाय में प्रवेश के बाद अपने संकाय परिवर्तन की इच्छुक छात्राओं के आवेदन पर तब ही विचार किया जा सकेगा, जब इच्छित संकाय की कक्षा में स्थान रिक्त हो।

पूरक परीक्षा के योग्य घोषित होने वाले अभ्यर्थी का प्रवेश

  पूरक परीक्षा योग्य घोषित अभ्यर्थी आगे की कक्षा में निर्धारित तिथि तक अन्तरिम प्रवेश ले सकेंगे। यदि उन्होंने प्रवेश की अन्तिम तिथि तक प्रवेश नहीं लिया है तो उन्हें पूरक परीक्षा के परिणाम में उत्तीर्ण घोषित   होने के बाद नियमित विद्यार्थी के रूप में प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा।

  पूरक परीक्षा योग्य घोषित अभ्यर्थियों को पूरक परीक्षा के विषयों को छोड़कर अन्य विषयों की स्नातकोत्तर (पूर्वार्द्ध) में पात्रता के अनुसार अन्तरिम प्रवेश दिया जा सकेगा।

  अर्हकारी परीक्षा में पूरक परीक्षा के योग्य घोषित अभ्यर्थी की पात्रता तथा योग्यता स्थान के निर्धारण के लिये पूरक परीक्षा के विषय/पेपर में अभ्यर्थी के प्राप्तांकों के बजाय न्यूनतम उत्तीर्णांक जोड़े जायेंगे।

  पूरक परीक्षा के परिणाम में अनुत्तीर्ण घोषित किये जाने पर अभ्यर्थी का अन्तरिम नियमित प्रवेश स्वतः निरस्त माना जोयगा तथा कोई शुल्क लौटाया नहीं जायेगा।

स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में प्रवेश की पात्रता

संकाय अर्हकारी परीक्षा में न्यूनतम प्राप्तांक प्रतिशत
कला सामान्य पाठ्यक्रम (पास कोर्स) 48
विज्ञान सामान्य पाठ्यक्रम (पास कोर्स) 50
वाणिज्य सामान्य पाठ्यक्रम (पास कोर्स) 48

स्नाकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश के मानदण्ड

स्नातकोत्तर (पूर्वार्द्ध) कक्षाओं में 10+2+3 से स्नातक की उपाधि प्राप्त अभ्यर्थीयों को निम्नांकित मानदण्ड एवं नियमानुसार प्रवेश दिये जायेंगे।

पाठ्यक्रम मानदण्ड
एम.ए. अर्हकारी परीक्षा में न्यूनतम 48% प्राप्तांक अथवा आवेदित विषय में न्यूनतम 55% प्राप्तांक
एम.एस.सी. अर्हकारी परीक्षा में न्यूनतम 55% प्राप्तांक अथवा आवेदित विषय में न्यूनतम 55% प्राप्तांक (मैरिट के आधार पर)

अन्तराल के बाद प्रवेश

अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात, दो अकादमिक सत्रों से अधिक अन्तराल व्यतीत होने पर नियमित/स्वयंपाठी आवेदक को अगली कक्षा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी।

अन्तराल संबंधी उपर्युक्त नियम महिला अभ्यर्थियों पर लागू नहीं होंगे।

स्वयंपाठी अभ्यर्थीयों का प्रवेश-

 1. स्नातक पार्ट द्वितीय व तृतीय वर्ष में प्रवेश हेतु अर्हकारी परीक्षा में न्यूनतम 50% प्राप्तांक होने एवं कोई भी पेपर बकाया न होने पर प्रवेश दिया जा सकेगा।

 2. पार्ट प्रथम व द्वितीय की परीक्षा स्वयंपाठी के रूप में उत्तीर्ण अभ्यर्थी को तृतीय भाग में प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा।

 3. स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में स्नाकोत्तर पूर्वाद्ध परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी को उत्तरार्द्ध में प्रवेश नहीं दिया जायेगा |

 4. महिला महाविद्यालयों में प्रवेश की इच्छुक महिला अभ्यर्थियों पर न्यूनतम 50% प्राप्तांक होने की अनिवार्यता लागू नहीं होगी तथा स्थान रिक्त होने पर उन्हें उत्तीर्णांक तक प्रवेश दिया जा सकेगा।

 5. स्वयंपाठी छात्राओं के प्रवेश पर केवल उसी स्थिति में विचार किया जा सकेगा जबकि :-

A. उस कक्षा के नियमित विद्यार्थीयों को प्रवेश देने के उपरान्त स्थान रिक्त हो तथा वैकल्पिक विषय समूह महाविद्यालय में उपलब्ध हो।

B. महाविद्यालय में शिक्षण के लिये भौतिक एवं मानव संसाधन उपलब्ध हों।

प्रवेश अस्वीकार करने का अधिकारी

प्रचार्य निम्नांकित स्थितियों में अभ्यर्थी का प्रवेश अस्वीकार कर सकता है:-

 जिसने प्रवेश हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र में कोई तथ्य जानबूझ कर छिपाया हो अथवा मिथ्या प्रस्तुत किया हो।

 जिसने शुल्क जमा कराने की घोषित तिथि तक महाविद्यालय में शुल्क जमा नहीं कराया हो।

 जिसने अपूर्ण आवेदन पत्र प्रस्तुत किया हो।

  जो पूर्व वर्षों में किसी दुराचार/दुर्व्यवहार का अपराधी रहा हो।

  परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग के लिए बोर्ड अथवा विश्वविद्यालय द्वारा दण्डित किया गया हो।

  जिसके विरुद्ध किसी शैक्षणिक अथवा अशैक्षणिक कर्मचारी के साथ परिसर में या परिसर के बाहर हिंसात्मक व्यवहार करने का आपराधिक मामला न्यायालय में विचाराधीन हो।

 जो न्यायालय के द्वारा नैतिक कदाचार अथवा किसी प्रकार के अन्य अपराध के कारण दोषी ठहराया गया हों

 जो प्रवेश प्रक्रिया के समय किसी शैक्षणिक/अशैक्षणिक कर्मचारी के साथ दुराचार/दुर्व्यवहार अथवा गाली-गलौच करने का दोषी हो।

 प्रवेश हेतु स्थान उपलब्ध न होने के कारण।

 नोट- अभ्यर्थी के दस्तावेजों पर शंका होने पर प्राचार्य विधि सम्मत कार्यवाही करने को स्वतंत्र होंगे।

B.Sc. Home Science Eligibility Qualification

 Sr. Hr. Sec. Science Examination (10+2) Securing at least all Division.

  Sr. Hr. Sec. Art Examination (10+2) with Home Science as optional Subject securing least 55% marks in the aggregate.

  Sr. Hr. Sec., Art Examination (10+2) securing I Division.

महाविद्यालय यूनिफार्म

छात्राओं को कॉलेज में पोशाक नहनना अनिवार्य होगा। यूनिफार्म में सफेद सलवार, सफेद कुर्ती एवं सफेद चुन्नी होगी। सर्दियों में काला कार्डिगन/कोट/शॉल होगी। स्नातकोत्तर की छात्राओं की केसरिया चुन्नी होगी। सभी छात्राओं को सफेद पी.टी. शूज सफेद मोजे पहनने होंगे।

शिक्षा प्राप्ति सम्बन्धी नियमावली

छात्रायें यथा समय कक्षा में आयें। कक्षायें छोड़ना शिक्षा के प्रति आपकी अरुचि एवं कॉलेज के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। उपस्थिति की कमी आगामी सत्र में आपके लिए प्रवेश हेतु बाधा का कारण हो सकती है। राजस्थान विश्वविद्यालय को हाईकोर्ट ने निर्देश दिये हैं कि छात्रा उपस्थिति कक्षा में कम से कम 75% होनी चाहिए। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मार्ग निर्देशिका के अनुसार भी यदि कोई छात्रा न्यूनतम निर्धारित संख्या की उपस्थिति पूरी नहीं करती है तो उसे परीक्षा में बैठने से रोका जा सकता है। बिना किसी विशेष परिस्थिति के लगातार 10 दिन तक कक्षाओं में अनुपस्थित रहने पर छात्रा का प्रवेश निरस्त कर दिया जावेगा। पुनः प्रवेश के लिए महाविद्यालय बाध्य नहीं होगा।

अभिस्थापन कार्यक्रम

महाविद्यालय के अन्तर्गत नवागत छात्राओं के विकास हेतु एक छात्रा परामर्श समिति बनाई गई है। यह छात्राओं को महाविद्यालय परिसर, पुस्तकालय एवं अन्य क्षेत्रों से परिचित करवायेगी। यह सम्पूर्ण कार्य संचालन महाविद्यालय के प्रति अपनत्व का अनुभव करा महाविद्यालय जीवन का सम्पूर्ण आनन्द प्राप्त करने में समर्थ होगा।